रविवार, 26 अप्रैल 2015

भस्मासुर


एक जंगली बकरी के पीछे शिकारी कुत्ते दौड़े। बकरी जान बचाकर अंगूरों की झाड़ीमें घुस गयी। कुत्ते आगे निकल गए। बकरी ने निश्चिंतापूर्वक अँगूर की बेले खानी शुरु कर दी और जमीन से लेकर अपनी गर्दन पहुचे उतनी दूरी तक के सारे पत्ते खा लिए। पत्ते झाडी में नही रहे। छिपने का सहारा समाप्त् हो जाने पर कुत्तो ने उसे देख लिया और मार डाला !!
सहारा देने वाले को जो नष्ट करता है , उसकी ऐसी ही दुर्गति होती है।
मनुष्य भी आज सहारा देने वाले पेड़ पौधो, जानवर, गाय, पर्वतो आदि को नुकसान पंहुचा रहा है और इन सभी का परिणाम भी अनेक आपदाओ के रूप में भोग रहा है।

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