*परिंदे रुक मत, तुझमे जान बाकी है*
*मन्जिल दूर है बहुत, उड़ान बाकी है.*
*आज या कल, मुट्ठी में होगी दुनियाँ*
*लक्ष्य पर अगर, तेरा ध्यान बाकी है*..
*यूँ ही नहीं मिलती, रब की मेहरबानी*
*एक से बढ़कर एक, इम्तेहान बाकी है.*
*जिंदगी की जंग में, है हौसला जरुरी*
*जीतने के लिए, सारा जहान बाकी है*
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें