शनिवार, 13 जनवरी 2018

इस दुनिया में कोई गरीब नही

इस दुनिया में कोई गरीब नहीं

*एक समय की बात है* भगवान गौतम बुद्ध एक गाँव में धर्म सभा को संबोधित कर रहे थे।

लोग अपनी विभिन्न परेशानियों को लेकर उनके पास जाते और उसका हल लेकरखुशी-खुशी वहां से लौटते।उसी गांव के सड़क के किनारे

एक गरीब व्यक्ति बैठा रहता तथा महात्मा बुद्ध के उपदेश शिविर में आने जाने वाले लोगों को बड़े ध्यान से देखता।

उसे बड़ा आश्चर्य होता कि लोग अंदर तो बड़े दुःखी चेहरें लेकर जाते है लेकिन जब वापस आते है

तो बड़े खुश और प्रसन्न दिखाई देते है।उस गरीब को लगा कि क्यों न वो भी अपनी समस्या को भगवान के समक्ष रखे?

मन में यह विचार लिए वह भी महात्मा बुद्ध के पास पहुंचा। लोग पंक्तिबध खड़े होकर अपनी समस्या को बता रहे थे।

जब उसकी बारी आई तो उसने सबसे पहले महात्ममा बुद्धको प्रणाम किया और फिर कहा - 'भगवान इस गाँव में लगभग सभी लोग खुश और समृध है। फिर मैं ही क्यो गरीबहूं?

'इस पर उन्होने मुस्कुराते हुए कहा - 'तुम गरीब और निर्धन इसलिए हो क्योंकि तुमने आज तक किसी को कुछ दिया ही नहीं।

इस पर वह गरीब व्यक्ति बड़ा आर्श्चयचकित हुआ और बोला - 'भगवान, मेरे पास भला दूसरों को देने के लिए क्या होगा। मेरा तो स्वयं का गुजारा बहुत मुश्किल से हो पाता है।

लोगों से भीख मांग कर अपना पेट भरताहूं।'भगवान बुद्ध कुछ देर शांत रहे, फिर बोले- तुम बड़े अज्ञानी हो। औरो के साथ बाटने के लिए ईश्वर ने तुम्हे बहुत कुछ दिया है। मुस्कुराहट दी है जिससे तुम लोगों में आशा का संचार कर सकते हो। मुख दिया है
ताकि लोगों से दो मीठे शब्द बोल सकते है, उनकी प्रशंसा कर सकते हो। दो हाथ दिये है लोगों की मदद कर सकते हो।

ईश्वर ने जिसको ये तीन चीजें दी है वह कभी गरीब और निर्धन हो ही नहीं सकता। निर्धनता का विचार आदमी के मन में होता है,
यह तो एक भ्रम है इसेनिकाल दो।कभी भी मन में निर्धनता का भाव उत्पन्न न होने दो गरीबी अपने आप दूर हो जाएगी।

*कहानी का सार*

*भगवान बुद्ध का संदेशसुनकर उस आदमी का चेहरा चमक उठा और उसने इस उपदेश को अपने जीवन में उतारा जिससे वह फिर कभी दुखी नहीं हुआ।*

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