एक बार मेरे शहर में एक प्रसिद्ध बनारसी विद्वान् ज्योतिषी का आगमन हुआ.. माना जाता है कि उनकी वाणी में सरस्वती विराजमान है । वे जो भी बताते है वह 100% सच होता है ।
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501/- रुपये देते हुए वर्मा जी ने अपना दाहिना हाथ आगे बढ़ाते हुए ज्योतिषी को कहा..
महाराज, मेरी मृत्यु कब, कहॉ और किन परिस्थितियों में होगी ?
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ज्योतिषी ने वर्मा जी की हस्त रेखाऐं देखीं, चेहरे और माथे को अपलक निहारते रहे । स्लेट पर कुछ अंक लिख कर जोड़ते–घटाते रहे । बहुत देर बाद वे गंभीर स्वर में बोले..
वर्मा जी आपकी भाग्य रेखाएँ कहती है कि जितनी आयु आपके पिता को प्राप्त होगी उतनी ही आयु आप भी पाएँगे । जिन परिस्थितियों में और जहाँ आपके पिता की मृत्यु होगी, उसी स्थान पर और उसी तरह, आपकी भी मृत्यु होगी
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यह सुन कर वर्मा जी भयभीत हो उठे और चल पड़े......
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एक घण्टे बाद ...
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वर्मा जी वृद्धाश्रम से अपने वृद्ध पिता को साथ लेकर घर लौट रहे थे..!!
मित्रो व्यक्ति को जिस पल यह अहसास हो जाये जो वह बो रहा है वही काटना है । तो वह वही बोयेगा जो उसे भविष्य में चाहिए ।
जिन माता पिता की बदौलत हम इस संसार में आये । जिन्होंने हमें अपनी क्षमता से इस संसार में रहने काबिल बनाया उन्हें दुःख पहुँचा के कोई सुखी न ही रह पाया है ।
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