बुधवार, 7 जून 2017

बाज़ और डाल

   _*बहुत समय पहले की बात है ,*_

_एक राजा को उपहार में किसी ने बाज के दो बच्चे भेंट किये ।_

_वे बड़ी ही अच्छी नस्ल के थे ,  और राजा ने कभी इससे पहले इतने शानदार बाज नहीं देखे थे।_

_राजा ने उनकी देखभाल के लिए एक अनुभवी आदमी को नियुक्त कर दिया।_

_जब कुछ महीने बीत गए तो राजा ने बाजों को देखने का मन बनाया ,और उस जगह पहुँच गए जहाँ उन्हें पाला जा रहा था।_

_राजा ने देखा कि दोनों बाज काफी बड़े हो चुके थे और अब पहले से भी शानदार लग रहे थे ।_

_राजा ने बाजों की देखभाल कर रहे
आदमी से कहा,_
_” मैं इनकी उड़ान देखना चाहता हूँ , तुम इन्हे उड़ने का इशारा करो ।_

_“ आदमी ने ऐसा ही किया। इशारा मिलते ही दोनों बाज उड़ान भरने लगे ,_

_पर जहाँ एक बाज आसमान की ऊंचाइयों को छू रहा था ,_
_वहीँ दूसरा , कुछ ऊपर जाकर वापस उसी डाल पर आकर बैठ गया_

_जिससे वो उड़ा था। ये देख , राजा को कुछ अजीब लगा._

_“क्या बात है जहाँ एक बाज इतनी अच्छी उड़ान भर रहा है वहीँ ये दूसरा बाज उड़ना ही नहीं चाह रहा ?”,_

_राजा ने सवाल किया।_

_*” जी हुजूर , इस बाज के साथ शुरू से यही समस्या है , वो इस डाल को छोड़ता ही नहीं।”*_

_राजा को दोनों ही बाज प्रिय थे , और वो दूसरे बाज को भी उसी तरह उड़ना देखना चाहते थे।_

_अगले दिन पूरे राज्य में ऐलान करा दिया गया,कि जो व्यक्ति इस बाज को ऊँचा उड़ाने में कामयाब होगा उसे ढेरों इनाम दिया जाएगा।_

_फिर क्या था , एक से एक विद्वान् आये और बाज को उड़ाने का प्रयास करने लगे ,_

_पर हफ़्तों बीत जाने के बाद भी बाज
का वही हाल था, वो थोडा सा उड़ता और वापस डाल पर आकर बैठ जाता।_

_फिर एक दिन कुछ अनोखा हुआ , राजा ने देखा कि उसके दोनों बाज आसमान में उड़ रहे हैं।_

_उन्हें अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ और उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति का पता लगाने को कहा जिसने ये कारनामा कर दिखाया था।_

_वह व्यक्ति एक किसान था। अगले दिन वह दरबार में हाजिर हुआ। उसे इनाम में स्वर्ण मुद्राएं भेंट करने के बाद राजा ने कहा ,_

_” मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूँ , बस तुम
इतना बताओ कि जो काम बड़े-बड़े
विद्वान् नहीं कर पाये वो तुमने कैसे
कर दिखाया।_

_“ “मालिक !_ _मैं तो एक साधारण सा किसान हूँ , मैं ज्ञान की ज्यादा बातें नहीं जानता , मैंने तो बस वो डाल काट दी जिसपर बैठने का बाज आदि हो चुका था, और जब वो डाल ही नहीं रही तो वो भी अपने साथी के साथ ऊपर उड़ने लगा।_

_“दोस्तों, हम सभी ऊँचा उड़ने के लिए ही बने हैं।_

_लेकिन कई बार हम जो कर रहे होते है उसके इतने आदि हो जाते हैं कि अपनी ऊँची उड़ान भरने की , कुछ_
_बड़ा करने की काबिलियत को, भूल जाते हैं।_

_यदि आप भी सालों से किसी ऐसे ही काम में लगे हैं जो आपके सही potential के मुताबिक नहीं है तो एक बार ज़रूर सोचिये_

_कि कहीं आपको भी उस डाल को काटने की ज़रुरत तो नहीं जिसपर आप बैठे हैं ?_

_"Luck is what happens when"_
_"preparation meets opportunity

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