शुक्रवार, 23 मार्च 2018

धैर्य

इंसान के जीवन मे धैर्य का विशेष महत्व होता है। जिस इंसान में धैर्य की कमी होती है वह अपने जीवन मे अच्छे और बड़े मौके हाथ से गवां बैठते है। उनके जीवन मे केवल पछतावा रह जाता है। बड़ी सफलता केवल उसी को मिलेगी जो धैर्यशील होगा।

एक राज्य में एक धनवान राजा शासन करता था। वह प्रातः सुबह मंदिर दर्शन करने जाता था। मंदिर के बाहर दो भिखारी बैठे रहते थे। उसमे से एक भिखारी कहता- हे भगवान। तूने राजा को बहुत कुछ दिया। मुझे भी दे दे जबकि दूसरा भिखारी कहता- हे राजन। तुझे भगवान ने बहुत कुछ दिया। मुझे भी कुछ दे दे।

एक भिखारी भगवान से मांग रहा है और एक भिखारी राजा से मांग रहा है। दोनों भिखारी आपस मे बात कर रहे थे। एक भिखारी ने दूसरे से कहा- चुप कर बेवकूफ। तूने आज तक भगवान से मांगा। तुझे क्या मिला? मैं राजा से मांगता हूँ। देखना मुझे कितना मिल जाएगा। यह बात राजा ने सुन ली।

दूसरे दिन राजा ने अपने मंत्री को खीर के एक बड़े कटोरे में सोने के 10 सिक्के डाल कर भिखारी के पास भेज दिया। भिखारी बड़ा प्रसन्न हुआ। वह पहले भिखारी को चिढ़ाते हुए बोला- देख, तेरे भगवान ने तुझे क्या दिया है। मुझे तो राजन ने मेवे से भरपूर खीर भेजी है। इतना कहकर वह स्वादिष्ट खीर खाने लगा।

खीर मात्रा में बहुत ज्यादा थी। जब उसका पेट भर गया तो उसने पहले भिखारी को वह खीर खाने के लिए दे दी। दूसरे दिन राजा मंदिर में आये और देखा कि पहले वाला भिखारी गायब था। राजा ने पूछा- आपका साथी आज कहाँ है?

दूसरे भिखारी ने जवाब दिया- राजन। वह बेवकूफ पता नही कहाँ गया है? केवल भगवान से मांगता रहता है। मैने आपसे मांगा तो मुझे भरपेट स्वादिष्ट खीर मिली। राजा ने सिर पकड़ लिया और कहा- बेवकूफ वो नही, असली बेवकूफ तो तू है। वह ईश्वर से मांगता है और तू मुझसे मांगता है।

*शिक्षा- धैर्य रखने वाला इंसान सदा सफल होता है। बिना धैर्य के इंसान का मन सदा अशांत ही रहेगा।

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